Tulsi (तुलसी)
संसार में अनगिनत वनस्पतियाँ है।इन वनस्पतियों में से सबसे शक्तिशाली वनस्पति में से एक है “तुलसी”।यह भारत में सबसे पवित्र जड़ी बूटी मानी जाती है।यह अपने विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए भी काफी लोकप्रिय है। यह विटामिन ए, सी और के, मैंगनीज, तांबा, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और ओमेगा -3 फैट्स जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से परिपूर्ण है।तुलसी के पौधे की पत्तियां और बीज दोनों ही औषधीय गुण रखते हैं इसलिए तुलसी के बीज का महत्त्व इसकी पत्तियों के समान ही होता है ।कुछ लोगो ने ये अनुभव करा है कि तुलसी केवल शारीरिक रूप से ही चमत्कारी नहीं है बल्कि मनुष्य के आंतरिक भावों और विचारो पर भी उसका कल्याणकारी प्रभाव पड़ता है ।
तुलसी के फायदे – तुलसी के पत्ते खाने के फायदे – तुलसी के बीज और रस का उपयोग:
1 .त्वचा विकार ,दाद आदि में इसकी पत्तियां पीस कर लगाने से फायदा मिलता है ।
2 .सर के रोगों के लिए इसके पत्तो का रस नाक में डालकर प्रयोग करना चाहिए ।
3 .वायरल बुखार और पसलियों के दर्द मैं ये बहुत फायदेमंद है ।
4 .5 पत्ते तुलसी के रोज़ाना पानी के साथ खाने से बुद्धि व् याददाश्त बढ़ती है ।
5 .1/4 चम्मच तुलसी के बीज चूर्ण को शहद के साथ चाटने से सर दर्द में लाभ होता है ।
6 .तुलसी के पत्ते ,सोंठ और शहद मिलकर कर चाटने से सुखी खांसी और बच्चोंके दमा रोग में लाभ होता है ।
7 .जुकाम के कारण आने वाले बुखार में तुलसी के पत्तो का रस अदरक के रस के साथ शहद मिलाकरसेवन करना चाहिए।
8 .तुलसी का रस और मुलहटी का सत मिलाकर चाटने से खांसी में लाभ होता है ।
9 .4-5 लौंग भूनकर तुलसी पत्र के साथ लेने से सब तरह कि खांसी में लाभ पहुँचता है ।
10 .तुलसी व् अदरक का रस एक -एक चम्मच मिलाकर दिन में 3 बार पीने से पेट दर्द में लाभ होता है ।
11 .तुलसी के पत्तो को निम्बू के रस में पीसकर दाद पर लगाने से आराम होता है ।
12 .तुलसी के पत्तो को गंगाजल में पीसकर निरंतर लगाते रहने से सफ़ेद दाग कुछ समय में ठीक हो जाते है ।
13 .दांतो में दर्द होने पर तुलसी के पत्ते और काली मिर्च पीसकर गोली बनाकर दर्द के स्थान पर रखने से आराम होता है ।
14 .तुलसी और चंदन के पेस्ट को माथे पर लगाने से तुरंत तनाव और तंग मांसपेशियों की वजह से हो रहे दर्द से राहत मिलती है।
15 .मासिक धर्म (Periods) के दौरान कमर में दर्द हो रहा हो तो एक चम्मच तुलसी का रस लें। इसके अलावा तुलसी के पत्ते चबाने से भी Periods नियमित रहता है।
16 .श्वांस रोगों में तुलसी के पत्ते काले नमक के साथ सुपारी की तरह मुँह में रखने से आराम मिलता है।
17 .आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत फायदेमंद होता है। रात में रोज श्यामा तुलसी के अर्क की दो बूंद आंखों में डालना चाहिए।
18 .बारिश के मौसम में रोजाना तुलसी के पांच पत्ते खाने से बुखार व जुकाम जैसी बीमारिया दूर रहती है।
19 .तुलसी के पत्ते पानी में मिलाने से पानी की अशुद्धि दूर होती है ।
20 .तुलसी, अदरक का रस एक-एक चम्मच थोड़ी सी काली मिर्च और आधा चम्मच सेंधा नमक लेकर पानी के साथ लें इससे गैस बदहजमी दोनों ही दूर हो जायेंगे ।
21 .अगर आपको कहीं चोट लग गई हो तो तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है क्योंकि तुलसी में anti becterial तत्व होते हैं जो घाव को पकने नहीं देता है ।
22 .तुलसी के पत्ते को तेल में मिलाकर लगाने से जलन भी कम होती है।
23 .तुलसी के रस में थोड़ा असली शहद मिलाकर छानकर शीशी में रख ले ,उसे आँखों में डालें।यह ऑय ड्राप औषधि का काम करती है ।
24 .तुलसी के पंचांग का काढ़ा बनाकर पीने से पेट ख़राब (loosemotion) में आराम मिलता है ।
25 .बालो का झड़ना और असमय सफ़ेद हो जाना ,इसके लिए तुलसी पत्र और सूखे आँवले का चूर्ण सर में अच्छी तरह मिलाकर सामान्य तापमान के पानी से धोना चाहिए
यही कारण है कि हमारे यहाँ हर घर में तुलसी का पौधा रखने की प्रथा और व्यवस्था है।तुलसी स्वाभाविक रूप से शारीरिक यंत्रो कि क्रिया को सुधारती है और रोग को दूर करने में सहायता पहुँचाती है ।
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